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नाम

· sneha chaand

नाम

तुम वो खुशी लाए
जो मैं भूल चुकी थी।
अब तो मैं मुस्कुराती हूं
गाल भी तो लाल होते हैं।
मैं अपनी चिंताएं भूल जाती हूं
जिंदगी के तनाव पीछे हो जाते हैं।

अब इस खुशी को नाम देना जरूरी है क्या,
तुम्हारे वजह से मैं खुश हूं, ये काफ़ी नहीं क्या।
अब तुम कहोगे के मैं मतलबी हूं
सर झुक जाएगा मेरा शर्म से।
तुम्हे दर्द दे के मुझे कहां का सुकून
मैं तो टूट ही जाऊंगी अंदर से। 

  • चाँद